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2013-11-13 来源: 类别: 更多范文

इस्लाम धर्म (الإسلام) ईसाई धर्म के बाद अनुयाइयों के आधार पर दुनिया का दूसरा सब से बड़ा धर्म है। इस्लाम शब्द अरबी भाषा का शब्द है जिसका मूल शब्द सल्लमा है जिस की दो परिभाषाएं हैं (१) शान्ति (२) आत्मसमर्पण।[१] इस्लाम एकेश्वरवाद को मानता है। इसके अनुयायियों का प्रमुख विश्वास है कि ईश्वर केवल एक है और पूरी सृष्टि में केवल वह ही प्रार्थना (इबादत) के योग्य है, और सृष्टि में हर वस्तु, जीवित और अजीवित, दृश्य और अदृश्य उसकी इच्छा के सामने आत्मसमर्पित और शान्त है। इस्लाम धर्म की पवित्र पुस्तक का नाम क़ुरआन है जिसका हिन्दी में अर्थ सस्वर पाठ है। इसके अनुयायियों को अरबी में मुस्लिम कहा जाता है, जिसका बहुवचन मुसलमान होता है। मुसलमान यह विश्वास रखते है कि क़ुरआन जिब्राईल अलेही सलाम (ईसाईयत में गैब्रिएल Gabriel) नामक एक देवदूत के द्वारा, मुहम्मद साहब को ७वीं सदी के अरब में, लगभग २३ वर्ष की आयु में कण्ठस्‍थ कराया गया था। मुसलमान, इस्लाम को कोई नया धर्म नहीं मानते, उनके अनुसार ईश्वर ने मुहम्मद साहब से पहले भी धरती पर कई दूत (नबी) भेजे हैं, जिनमें इब्राहीम, मूसा और ईसा सम्मिलित हैं। मुसलमानों के अनुसार मूसा अलेही सलाम और ईसा अलेही सलाम के कई उपदेशों को लोगों ने विकृत कर दिया। अधिकतम मुसलमानों के लिये मुहम्मद साहब ईश्वर के अन्तिम दूत थे और कुरान मनुष्य जाति के लिये अन्तिम सन्देश है।[२] हिन्दू धर्म (संस्कृत: सनातन धर्म) विश्व के सभी धर्मों में सबसे पुराना धर्म है। ये वेदों पर आधारित धर्म है, जो अपने अन्दर कई अलग अलग उपासना पद्धतियाँ, मत, सम्प्रदाय, और दर्शन समेटे हुए है। अनुयायियों की संख्या के आधार पर ये विश्व का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है, संख्या के आधार पर इसके अधिकतर उपासक भारत में हैं और प्रतिशत के आधार पर नेपाल में है। हालाँकि इसमें कई देवी-देवताओं की पूजा की जाती है, लेकिन वास्तव में यह एकेश्वरवादी धर्म है।[१][२] [३] हिन्दी में इस धर्म को सनातन धर्म अथवा वैदिक धर्म भी कहते हैं। इण्डोनेशिया में इस धर्म का औपचारिक नाम "हिन्दु आगम" है। हिन्दू केवल एक धर्म या सम्प्रदाय ही नही है अपितु जीवन जीने की एक पद्धति है " हिंसायाम दूयते या सा हिन्दु "[टंकणगत अशुद्धि'] अर्थात् जो अपने मन, वचन, कर्म से हिंसा से दूर रहे वह हिन्दू है और जो कर्म अपने हितों के लिए दूसरों को कष्ट दे वह हिंसा है। नेपाल विश्व का एक मात्र आधुनिक हिन्दू राष्ट्र था (नेपाल के लोकतान्त्रिक आंदोलन के पश्चात् के अंतरिम संविधान में किसी भी धर्म को राष्ट्र धर्म घोषित नहीं किया गया है। नेपाल के हिन्दू राष्ट्र होने या ना होने का अंतिम फैसला संविधान सभा के चुनाव से निर्वाचित विधायक करेंगे)। [संपादित करें] ईश्वर ईसाई एक ही ईश्वर को मानते हैं । लेकिन वो ईश्वर को त्रीएक के रूप में समझते हैं -- परमपिता परमेश्वर, उनके पुत्र ईसा मसीह (यीशु मसीह) और पवित्र आत्मा । [संपादित करें] परमपिता परमपिता इस दुनिया के रचयिता हैं, और इसके शासक भी । [संपादित करें] ईसा मसीह ईसा मसीह (यीशु) एक यहूदी थे जो इस्राइल के गाँव बेत्लहम में जन्मे थे (४ ईसापूर्व)। ईसाई मानते हैं की उनकी माता मारिया (मरियम) सदा-कुमारी (वर्जिन) थीं । ईसा उनके गर्भ में परमपिता परमेश्वर की कृपा से चमत्कारिक रूप से आये थे । ईसा के बारे में यहूदी नबियों ने भविष्यवाणी की थी कि एक मसीहा (अर्थात "राजा" या तारनहार) जन्म लेगा । कुछ लोग ये मानते हैं कि ईसा हिन्दुस्तान भी आये थे । बाद में ईसा ने इस्राइल में यहूदियों के बीच प्रेम का संदेश सुनाया और कहा कि वो ही ईश्वर के पुत्र हैं । इन बातों पर पुराणपंथी यहूदी धर्मगुरु भड़क उठे और उनके कहने पर इस्राइल के रोमन राज्यपाल ने ईसा को क्रूस पर चढ़ कर मरने का प्राणदण्ड दे दिया । ईसाई मानते हैं कि इसके तीन दिन बाद ईसा का पुनरुत्थान हुआ और ईसा मृतकों में से जी उठे । ईसा के उपदेश बाइबिल के नये नियम में उनके शिष्यों द्वारा लिखे गये हैं । [संपादित करें] पवित्र आत्मा पवित्र आत्मा त्रिएक परमेश्वर के तीसरे व्यक्तित्व हैं जिनके प्रभाव में व्यक्ति अपने अन्दर ईश्वर का अहसास करता है। ये ईसा के चर्च को निर्देशित करते हैं । [संपादित करें] बाइबिल ईसाई धर्मग्रन्थ बाइबिल में दो भाग हैं । पहला भाग (पुराना नियम) और यहूदियों का धर्मग्रन्थ एक ही हैं । दूसरा भाग (नया नियम) ईसा के उपदेश, चमत्कार और उनके शिष्यों के काम से रिश्ता रखता है । [संपादित करें] सम्प्रदाय ईसाइयों के मुख्य सम्प्रदाय हैं : [संपादित करें] रोमन कैथोलिक रोमन कैथोलिक रोम के पोप को सर्वोच्च धर्मगुरु मानते हैं । [संपादित करें] प्रोटेस्टेंट प्रोटेस्टेंट किसी पोप को नहीं मानते और इसके बजाय बाइबिल में पूरी श्रद्धा रखते हैं । या मसीही धर्म दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक सांप्रदाय है । ये ईसा मसीह के उपदेशों पर आधारित है । इसका धर्मग्रन्थ बाइबिल है ।सिख धर्म: सिख एक ही ईश्वर को मानते हैं, पर उसके पास जाने के लिये दस गुरुओं की सहायता को महत्त्वपूर्ण समझते हैं । इनका धर्मग्रन्थ गुरु ग्रंथ साहिब है । अधिकांश सिख पंजाब (भारत) में रहते हैं । सिखों के दस गुरु हैं । प्रथम गुरु थे गुरु नानक और अन्तिम गुरु थे गुरु गोबिन्द सिंह । सिख एक ही ईश्वर को मानते हैं, जिसे वे एक-ओंकार कहते हैं । उनका मानना है कि ईश्वर अकाल और निरंकार है । [संपादित करें] परिचय भारतीय धर्मों में सिख धर्म का अपना एक पवित्र एवं अनुपम स्थान है सिखों के प्रथम गुरु, गुरुनानक देव सिख धर्म के प्रवर्तक हैं। उन्होंने अपने समय के भारतीय समाज में व्याप्त कुप्रथाओं, अंधविश्वासों, जर्जर रूढ़ियों और पाखण्डों को दूर करते हुए जन-साधारण को धर्म के ठेकेदारों, पण्डों, पीरों आदि के चंगुल से मुक्त किया। उन्होंने प्रेम, सेवा, परिश्रम, परोपकार और भाई-चारे की दृढ़ नीव पर सिख धर्म की स्थापना की। ताज़्जुब नहीं कि एक उदारवादी दृष्टिकोण से गुरुनानक देव ने सभी धर्मों की अच्छाइयों को समाहित किया। उनका मुख्य उपदेश था कि ईश्वर एक है, उसी ने सबको बनाया है। हिन्दू मुसलमान सभी एक ही ईश्वर की संतान हैं और ईश्वर के लिए सभी समान हैं। उन्होंने यह भी बताया है कि ईश्वर सत्य है और मनुष्य को अच्छे कार्य करने चाहिए ताकि परमात्मा के दरबार में उसे लज्जित न होना पड़े। गुरुनानक ने अपने एक सबद में कहा है कि पण्डित पोथी (शास्त्र) पढ़ते हैं, किन्तु विचार को नहीं बूझते। दूसरों को उपदेश देते हैं, इससे उनका माया का व्यापार चलता है। उनकी कथनी झूठी है, वे संसार में भटकते रहते हैं। इन्हें सबद के सार का कोई ज्ञान नहीं है। ये पण्डित तो वाद-विवाद में ही पड़े रहते हैं। 1 Zafi-D (46.6 per cent of all reported infections) 2 Netsky-P (20.6 per cent) 3 Zafi-B (4.5 per cent) 3 Netsky-D (4.5 per cent) 5 Netsky-Z (2.5 per cent) 6 Netsky-B (2.4 per cent) 7 Mytob-Z (1.3 per cent) NEW ENTRY 8 MyDoom-O (1.2 per cent) 9 Netsky-C (1.1 per cent) 10 Netsky-Q (1.0 per cent) A black hat is a person who compromises the security of a computer system without permission from an authorized party, typically with malicious intent. The term white hat is used for a person who is ethically opposed to the abuse of computer systems, but is frequently no less skilled. The term cracker was coined by Richard Stallman to provide an alternative to using the existing word hacker for this meaning.[1] The somewhat similar activity of defeating copy prevention devices in software which may or may not be legal in a country's laws is actually software cracking. Terminology Use of the term "cracker" is mostly limited (as is "black hat") to some areas of the computer and security field and even there, it is considered controversial. Until the 1980s, all people with a high level of skills at computing were known as "hackers". A group that calls themselves hackers refers to "a group that consists of skilled computer enthusiasts". The other, and currently more common usage, refers to those who attempt to gain unauthorized access to computer systems. Over time, the distinction between those perceived to use such skills with social responsibility and those who used them maliciously or criminally, became perceived as an important divide. Many members of the first group attempt to convince people that intruders should be called crackers rather than hackers, but the common usage remains ingrained. The former became known as "hackers" or (within the computer security industry) as white hats, and the latter as "crackers" or "black hats". The general public tends to use the term "hackers" for both types, a source of some conflict when the word is perceived to be used incorrectly; for example Linux has been criticised as "written by hackers". In computer jargon the meaning of "hacker" can be much broader. Usually, a black hat is a person who uses their knowledge of vulnerabilities and exploits for private gain, rather than revealing them either to the general public or the manufacturer for correction. Many black hats hack networks and web pages solely for financial gain. Black hats may seek to expand holes in systems; any attempts made to patch software are generally done to prevent others from also compromising a system they have already obtained secure control over. A black hat hacker may write their own zero-day exploits (private software that exploits security vulnerabilities; 0-day exploits have not been distributed to the public). In the most extreme cases, black hats may work to cause damage maliciously, and/or make threats to do so as extortion. तात्या टोपे भारत के प्रथम स्वाधीनता संग्राम के एक प्रमुख सेनानायक थे। सन १८५७ के महान विद्रोह में उनकी भूमिका सबसे महत्त्वपूर्ण, प्रेरणादायक और बेजोड़ थी। तात्या का जन्म महाराष्ट्र में नासिक के निकट पटौदा जिले के येवला नामक गाँव में एक देशस्थ ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता पाण्डुरंग राव भट्ट़ (मावलेकर), पेशवा बाजीराव द्वितीय के घरू कर्मचारियों में से थे। बाजीराव के प्रति स्वामिभक्त होने के कारण वे बाजीराव के साथ सन् १८१८ में बिठूर चले गये थे। तात्या का वास्तविक नाम रामचंद्र पाण्डुरग राव था, परंतु लोग स्नेह से उन्हें तात्या के नाम से पुकारते थे। तात्या का जन्म सन् १८१४ माना जाता है। अपने आठ भाई-बहनों में तात्या सबसे बडे थे। पण्डित चन्द्रशेखर आजाद (23 जुलाई 1906 - 27 फरवरी 1931) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अत्यंत सम्मानित और लोकप्रिय क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी थे। वे भगत सिंह, पण्डित रामप्रसाद बिस्मिल सरीखे महान क्रांतिकारियो के अन्यतंम साथियों में से थे। असहयोग आंदोलन समाप्‍त होने के बाद चन्द्रशेखर आजाद की विचारधारा में बदलाव आ गया और वे क्रांतिकारी गतिविधियों से जुड़ कर हिंदुस्‍तान सोशल रिपब्लिकन एसोसियेशनके संस्थापक सदस्य बने इस संस्था के माध्यम से उन्‍होंने कई क्रांतिकारी गतिविधियों जैसे काकोरी काण्ड तथा सांडर्स-वध को अंजाम दिया। सरदार भगत सिंह (27 सितंबर 1907 - 23 मार्च 1931) भारत के एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे । इन्होने केन्द्रीय असेम्बली की बैठक में बम फेंककर भी भागने से मना कर दिया । जिसके फलस्वरूप भगत सिंह को 23 मार्च 1931) को इनके साथियों, राजगुरु तथा सुखदेव के साथ फांसी पर लटका दिया गया । सारे देश ने उनकी शहादत को याद किया। उनके जीवन ने कई हिन्दी फ़िल्मों के चरित्रों को प्रेरित किया । कई सारी फ़िल्में तो उनके नाम से बनाई गई जैसे -शहीद, द लेज़ेंड ऑफ़ भगत सिंह, भगत सिंह इत्यादि । वे हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एशोसिएशन के सपक सदस्यों में से एक थे। लालबहादुर शास्त्री (2 अक्तूबर, 1904 - 11 जनवरी, 1966),भारत के तीसरे और दूसरे स्थायी प्रधानमंत्री थे । वह 1963-1965 के बीच भारत के प्रधान मन्त्री थे। उनका जन्म मुगलसराय, उत्तर प्रदेश मे हुआ था। लालबहादुर शास्त्री का जन्म 1904 में मुगलसराय, उत्तर प्रदेश में लाल बहादुर श्रीवास्तव के रुप में हुआ था। उनके पिता शारदा प्रसाद एक गरीब शिक्षक थे, जो बाद में राजस्व कार्यालय में लिपिक (क्लर्क) बने। भारत की स्वतंत्रता के पश्चात शास्त्रीजी को उत्तर प्रदेश के संसदीय सचिव के रुप में नियुक्त किया गया था। वो गोविंद बल्लभ पंत के मुख्यमंत्री के कार्यकाल में प्रहरी एवं यातायात मंत्री बने। यातायात मंत्री के समय में उन्होनें प्रथम बार किसी महिला को संवाहक (कंडक्टर) के पद में नियुक्त किया। प्रहरी विभाग के मंत्री होने के बाद उन्होने भीड़ को नियंत्रण में रखने के लिए लाठी के जगह पानी की बौछार का प्रयोग प्रारंभ कराया। 1951 में, जवाहर लाल नेहरु के नेतृत्व मे वह अखिल भारत काँग्रेस कमेटी के महासचिव नियुक्त किये गये। उन्होने 1952, 1957 व 1962 के चुनावों मे कांग्रेस पार्टी को भारी बहुमत से जिताने के लिए बहुत परिश्रम किया। जवाहरलाल नेहरू का उनके प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान 27 मई, 1964 को देहावसान हो जाने के बाद, शास्त्री जी ने 9 जुन 1964 को प्रधान मंत्री का पद भार ग्रहण किया। की रानी लक्ष्मीबाई (१९ नवंबर १८२८ – १७ जून १८५८) मराठा शासित झाँसी राज्य की रानी और १८५७ के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की वीरांगना थीं। इनका जन्म वाराणसी जिले के भदैनी नामक नगर में हुआ था। इनके बचपन का नाम मणिकर्णिका था पर प्यार से मनु कहा जाता था। इनकी माता का नाम भागीरथी बाई तथा पिता का नाम मोरोपंत तांबे था। मोरोपंत एक मराठी ब्राह्मण थे और मराठा पेशवा बाजीराव की सेवा में थे। माता भागीरथीबाई एक सुसंस्कृत, बुद्धिमान एवं धार्मिक महिला थीं। मनु जब चार वर्ष की थीं तब उनकी माँ की म्रत्यु हो गयी। चूँकि घर में मनु की देखभाल के लिए कोई नहीं था इसलिए पिता मनु को अपने साथ बाजीराव के दरबार में ले गए जहाँ चंचल एवं सुन्दर मनु ने सबका मन मोह लिया। लोग उसे प्यार से "छबीली" बुलाने लगे। मनु ने बचपन में शास्त्रों की शिक्षा के साथ शस्त्रों की शिक्षा भी ली। [१] सन १८४२ में इनका विवाह झाँसी के राजा गंगाधर राव निवालकर के साथ हुआ, और ये झाँसी की रानी बनीं। विवाह के बाद इनका नाम लक्ष्मीबाई रखा गया। सन १८५१ में रानी लक्ष्मीबाई ने एक पुत्र को जन्म दिया पर चार महीने की आयु में ही उसकी मृत्यु हो गयी। सन १८५३ में राजा गंगाधर राव का बहुत अधिक स्वास्थ्य बिगड़ने पर उन्हें दत्तक पुत्र लेने की सलाह दी गयी। पुत्र गोद लेने के बाद राजा गंगाधर राव की मृत्यु २१ नवंबर १८५३ में हो गयी। दत्तक पुत्र का नाम दामोदर राव रखा गया।[२] डॉ. किरण बेदी भारतीय पुलिस सेवा की प्रथम वरिष्ठ महिला अधिकारी हैं। उन्होंने विभिन्न पदों पर रहते हुए अपनी कार्य-कुशलता का परिचय दिया है। वे संयुक्त आयुक्त पुलिस प्रशिक्षण तथा दिल्ली पुलिस स्पेशल आयुक्त (खुफिया) के पद पर कार्य कर चुकी हैं। इस समय वे संयुक्त राष्ट्र संघ के ‘शांति स्थापना ऑपरेशन’ विभाग में नागरिक पुलिस सलाहकार’ के पद पर कार्यरत हैं। उन्हें वर्ष 2002 के लिए भारत की ‘सबसे प्रशंसित महिला’ चुना गया। द ट्रिब्यून के पाठकों ने उन्हें ‘वर्ष की सर्वश्रेष्ठ महिला’ चुना। मदर टेरेसा ( २६ अगस्त, १९१० ५ सितम्बर, १९९७) का जन्म अग्नेसे गोंकशे बोजशियु के नाम से एक अल्बेनीयाई परिवार में उस्कुब, ओटोमन साम्राज्य (आज का सोप्जे, मेसेडोनिया गणराज्य) में हुआ था। मदर टेरसा रोमन कैथोलिक नन थीं, जिनके पास भारतीय नागरिकता थी। उन्होंने १९५० में कोलकाता में मिशनरीज़ ऑफ चेरिटी की स्थापना की। ४५ सालों तक गरीब, बीमार, अनाथ, और मरते हुए इन्होंने लोगों की मदद की और साथ ही चेरिटी के मिशनरीज के प्रसार का भी मार्ग प्रशस्त किया। १९७० तक वे ग़रीबों और असहायों के लिए अपने मानवीय कार्यों के लिए प्रसिद्द हो गयीं, माल्कोम मुगेरिज के कई वृत्तचित्र और पुस्तक जैसे समथिंग ब्यूटीफुल फॉर गोड में इसका उल्लेख किया गया। उन्होंने १९७९ में नोबेल शांति पुरस्कार और १९८० में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न प्रदान किया गया। मदर टेरेसा के जीवनकाल में मिशनरीज़ ऑफ चेरिटी का कार्य लगातार विस्तृत होता रहा और उनकी मृत्यु के समय तक यह १२३ देशों में ६१० मिशन नियंत्रित कर रही थी। इसमें एचआईवी/एड्स, कुष्ठ और तपेदिक के रोगियों के लिए धर्मशालाएं/ घर शामिल थे, और साथ ही सूप रसोई, बच्चों और परिवार के लिए परामर्श कार्यक्रम, अनाथालय और विद्यालय भी थे। मदर टेरसा की मृत्यु के बाद उन्हें पोप जॉन पॉल द्वितीय ने धन्य घोषित किया और उन्हें कोलकाता की धन्य की उपाधि प्रदान की। इन्दिरा प्रियदर्शिनी गांधी (उर्फ़: नेहरू, १९ नवंबर १९१७-३१ अक्तूबर १९८४) १९६६ से १९७७ तक लगातार तीन कार्यकाल के लिए और १९८० से सन् १९८४ में उनकी हत्या तक भारत गणराज्य की प्रधानमंत्री थी। वे कुल पंद्रह साल तक इस पद पर रही एवम् अब तक भारत की प्रधानमंत्री होने वाली एकमात्र महिला हैं। वह भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की पुत्री थी । (संस्कृत मूल गीत) वन्दे मातरम् सुजलां सुफलां मलयजशीतलाम् शस्यश्यामलां मातरम् शुभ्रज्योत्सनां पुलकितयामिनीम् फुल्लकुसुमित द्रुमदलशोभिनीम् सुहासिनीं सुमधुर भाषिणीम् सुखदां वरदां मातरम् ।। १ ।। वन्दे मातरम् । कोटि-कोटि (सप्त कोटि) कण्ठ कलकल निनाद कराले कोटि-कोटि (द्विसप्त कोटि) भुजैर्धृत खरकरवाले, के बले मा तुमि अबले (अबला केन मा एत बले) बहुबल धारिणीं नमामि तारिणीम् रिपुदलवारिणीं मातरम् ।। २ ।। वन्दे मातरम् । तुमि विद्या तुमि धर्म, तुमि ह्रदि तुमि मर्म त्वं हि प्राणाः शरीरे बाहुते तुमि मा शक्ति, हृदये तुमि मा भक्ति, तोमारई प्रतिमा गडि मन्दिरे-मन्दिरे ।। ३ ।। वन्दे मातरम् । त्वं हि दुर्गा दशप्रहरणधारिणी कमला कमलदल विहारिणी वाणी विद्यादायिनी, नमामि त्वाम् नमामि कमलां अमलां अतुलाम् सुजलां सुफलां मातरम् ।। ४ ।। वन्दे मातरम् । श्यामलां सरलां सुस्मितां भूषिताम् धरणीं भरणीं मातरम् ।। ५ ।। वन्दे मातरम् ।
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